कानूनी पेंच में फंस सकते हैं मुकेश सहनी-तेजस्वी यादव! बिहार की सियासत में खलबली.

तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी और संतोष सहनी के खिलाफ चुनाव चिह्न दुरुपयोग मामले में मुजफ्फरपुर अदालत ने नोटिस जारी किया है. 6 मई 2025 को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दे दिया है

कानूनी पेंच में फंस सकते हैं मुकेश सहनी-तेजस्वी यादव! बिहार की सियासत में खलबली.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विकासशील इंसान पार्टी के संरक्षक मुकेश सहनी के साथ ही वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी के खिलाफ दाखिल परिवाद को खारिज किए जाने के खिलाफ क्रिमिनल रिवीजन वाद की सुनवाई के बाद मुजफ्फरपुर के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने इन तीनों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है. 6 मई 2025 को 10:30 बजे न्यायालय में इन तीनों को सदेह या अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होना है. आपको बता दें कि यह पूरा मामला भारतीय सार्थक पार्टी के चुनाव चिह्न के कथित दुरुपयोग से जुड़ा है.

भारतीय सार्थक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने 18 अप्रैल 2024 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय  में परिवाद दायर किया था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी और संतोष सहनी ने भारतीय सार्थक पार्टी के चुनाव चिह्न ‘नाव’ का गलत तरीके से उपयोग किया. परिवाद के अनुसार, मुकेश सहनी और संतोष सहनी ने इस चुनाव चिह्न को वापस देने का दबाव बनाया और इनकार करने पर इसे महागठबंधन के प्रचार में इस्तेमाल किया था. आरोप है कि तेजस्वी यादव ने भी इस कथित फर्जीवाड़े में सहयोग किया और नाव चिह्न को महागठबंधन के प्रचार-प्रसार में उपयोग किया.

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने इस परिवाद को खारिज कर दिया था जिसके बाद सुधीर कुमार ओझा ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन वाद दायर किया, जिसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला देती है और क्या तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी और संतोष सहनी को किसी कानूनी पेंच का सामना करना पड़ सकता है.