दो दोस्तों ने एक दूसरे को मारी गोली, मृतकों में एक टीचर

दो दोस्तों ने एक दूसरे को मारी गोली, मृतकों में एक टीचर

डेस्कः
भागलपुर के नवगछिया में गुरुवार रात दो युवकों ने एक दूसरे को गोली मार दी। अस्पताल पहुंचने से पहले दोनों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान भवानीपुर निवासी करण पोद्दार (30) और शुभम मिश्रा (25) के रूप में की गई है। शुभम एक निजी स्कूल में टीचर था। वहीं, दो साल पहले ही करण की शादी हुई थी। एक साल का बेटा भी है। स्थानीय लोंगों का कहना है कि करण स्मैक का धंधा करता था और हमेशा नशे में ही रहता था। घटना के पीछे का कारण पता नहीं चला है। घटना रंगरा थाना क्षेत्र के भवानीपुर इलाके के काली स्थान के पास की है। हालांकि बताया जा रहा है कि करण और शुभम समेत गांव के ही 5 लड़के एक जगह काली स्थान के पास गांजा पी रहे थे। इसी दौरान तीनों की करण और शुभम के बीच किसी बात को लेकर विवाद होने लगा। बात इतनी बढ़ गई कि दो दोस्तों ने के बीच फायरिंग शुरू हो गई।


ग्रामीणों ने पुलिस को बताया, बीती रात करीब 9 बजे काली मंदिर स्थित कुआं के पास बैठकर कारण पोद्दार और उसके साथी शुभम झा गांजा पी रहे थे। तभी कार से गांव के ही प्रीतम यादव, मुंशी यादव और सोनू झा वहां आ आए। सभी ने साथ बैठकर गांजा पिया। इसी दौरान किसी बात को लेकर विवाद होने लगा।हालांकि, विवाद के बाद सभी घर जाने लगे। तभी शुभम ने कमर से पिस्तौल निकालकर करण पोद्दार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। करण ने भी उसपर फायरिंग की। इस दौरान भाग रहे शुभम झा पर करण के दोस्त सोनू झा ने भी फायरिंग की।' फायरिंग में शुभम को एक गोली सीने और एक गोली हाथ में लगी है। वहीं, करण के सीने में तीन गोली मारी गई है। स्थानीय निवासी सौरभ के मुताबिक, दोनों का शव एक-दूसरे से 50 मीटर की दूरी पर पर था।
अस्पताल ले जाने के दौरान हुई मौत
फायरिंग के बाद स्थानीय लोगों ने दोनों के परिजनों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को अनुमंडलीय अस्पताल नवगछिया में भर्ती कराया।
डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही दोनों की मौत हो गई। मायागंज अस्पताल में डॉक्टर ने दोनों की मौत की पुष्टि की।
घटना के बाद सोनू उर्फ शुभम मिश्रा की मां प्रेमलता देवी मायागंज अस्पताल पहुंची। वह शुभम के से लिपटकर बार-बार कह रही थी- 'खाना खाकर बेटा घर से निकला था। हमने रोका भी था, लेकिन वह नहीं रुका। वह 10 मिनट रुक जाता तो आज हमारा बेटा, हमारे पास होता। साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है।'
शुभम की बहन शरीक कुमारी ने बताया, 'खाना खाने के बाद शुभम घर से निकला था। मां ने उसे रोका भी, लेकिन वह नहीं माना। 6 महीने पहले ही पिता की बीमारी से मौत हो गई थी। तीन बहनों में शुभम, इकलौता भाई था।