अलग-अलग विभागों पर चला वित्त विभाग का चाबुक, 11,800 करोड़ की मांग पर सिर्फ 3,000 करोड़ को मंजूरी

डेस्क
झारखंड में वित्त विभाग का चाबुक कई विभागों पर चल रहा है। पहले अनुपूरक बजट के लिए एक दर्जन से अधिक विभागों से मांगी गई राशि में भारी कटौती कर दी गई है। इनमें से ग्रामीण विकास विभाग और वन विभाग भी शामिल है। वहीं वित्त विभाग ने श्रम विभाग की मांग को पूरी तरह नकार दिया है। पेयजल कृषि सहकारिता और नगर विकास विभाग की अनुपूरक राशि की मांग को जायज ठहराया गया है। अलग अलग विभागों ने कुल 11 हजार 800 करोड़ की मांग की थी लेकिन वित्त विभाग ने सिर्फ 3 हजार करोड़ की मंजूरी दी है। अगस्त के आखिरी सप्ताह में संभवत होने वाली विधानसभा सत्र में इसे स्वीकृति मिलने कि संभावना है।
गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए कुल बजट आकार 1. 45 लाख करोड़ का है।इसमें योजना बजट 91741.53 करोड़ का है। झारखंड का अपना राजस्व सिमित है। खजाना में भी कोई बड़ी राशि नहीं है। झारखंड काफी हद तक केंद्रीय सहायता अनुदान और केंद्रीय करों में हिस्सेदारी जीएसटी क्षतिपूर्ति और अन्य केंद्रीय योजनाओं पर निर्भर है। वहीं ग्रामीण विकास पर खर्च लागतार बढ़ रहा है लेकिन राजस्व वसूली धीमी रहने के कारण इस राशि की कटौती की बात की जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग की राशि की कटौती के कारण अबुआ आवास,ग्रामीण सड़क मरम्मत और कई काम प्रभावित हो सकते हैं।