मूर्ख कर रहे कथावाचन, एक शब्द संस्कृत बोलकर दिखा दें प्रेमानंद महाराज; रामभद्राचार्य की चुनौती

रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि पहले विद्वान लोग ही कथावाचन किया करते थे, लेकिन आजकल मूर्ख लोग धर्म का ज्ञान दे रहे हैं। रामभद्राचार्य से जब प्रेमानंद महाराज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके लिए वह बालक के समान हैं।

मूर्ख कर रहे कथावाचन, एक शब्द संस्कृत बोलकर दिखा दें प्रेमानंद महाराज; रामभद्राचार्य की चुनौती
प्रेमानंद महाराज को रामभद्राचार्य ने दिया चैलेंज। (इमेज-फाइल फोटो)

Jagadguru Rambhadracharya Challenge Premananda Maharaj: मथुरा-वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। उनको लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे प्रेमानंद महाराज को चमत्कारी संत नहीं मानते। रामभद्राचार्य ने उन्हें ओपन चैलेंज देते हुए कहा कि अगर वे सच में चमत्कारी हैं तो उनके सामने आकर संस्कृत में बात करके दिखाएं।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में प्रेमानंद महाराज को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, “कोई चमत्कार नहीं है। अगर कोई चमत्कार है तो मैं चैलेंज करता हूं कि प्रेमानंद महाराज मेरे सामने एक अक्षर संस्कृत बोलकर दिखा दें या मेरे कहे गए संस्कृत श्लोकों का अर्थ समझा दें। मैं आज खुलकर कह रहा हूं कि वो तो मेरे बालक के समान है। शास्त्र जिसको आए वो चमत्कार है। डायलसिस के ऊपर वो जी रहे हैं।”

प्रेमानंद मेरे बालक जैसे – रामभद्राचार्य

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने आगे कहा, “मैं फिर से कह रहा हूं कि वो मेरे बालक जैसे हैं। मैं ना तो उन्हें विद्वान कह रहा हूं और चमत्कारी। इतनी लोकप्रियता थोड़ी दिनों के लिए ही होती हैं। हालांकि, ये कहना कि ये चमत्कार है ये मुझे स्वीकार्य नहीं है। भजन करें और पढ़ें लिखें।” जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मथुरा को लेकर कहा, “अभी हाईकोर्ट में एक प्रकरण आया है, मैं आंदोलन में हिस्सा नहीं लूंगा। कोर्ट शास्त्रीय साक्ष्य के लिए मुझे बुलाएगा तो मैं जरूर जाऊंगा।