झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज सुबह नई दिल्ली में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
वह 3 बार सीएम रह चुके हैं और अलग झारखंड राज्य के गठन में उनका बहुत बड़ा योगदान था
शिबू सोरेन पिछले कई वर्षों से बीमार चल रहे थे और उन्हें जून के आखिरी सप्ताह में गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बीते कुछ दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे.
उनके निधन की जानकारी के बाद पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है. शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दिल्ली में मौजूद हैं और अस्पताल में ही थे जब उन्होंने अपने पिता को खो दिया.
अलग झारखंड आंदोलन के अगुवा शीबू सोरेन
शिबू सोरेन को झारखंड में ‘गुरुजी’ के नाम से जाना जाता था. वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक थे और आदिवासी अधिकारों की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई थी. उन्होंने अलग झारखंड राज्य की मुहिम को नेतृत्व दिया और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री भी बने.
उनके नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासी इलाकों में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का अभियान चलाया और राज्य को अलग पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई
पूरे झारखंड में शोक की लहर
शिबू सोरेन के निधन की खबर फैलते ही पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है. राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. गुरुजी का जाना झारखंड की राजनीति के एक युग का अंत है. उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी