सीमावर्ती गांवों में शादी के नाम पर बेची जा रहीं बेटियां

डेस्कः
बिहार-यूपी के सीमावर्ती गांवों से बेटियां गायब हो रहीं। शादी और नौकरी का झांसा देकर उन्हें बेटी बेचने वाला गिरोह के लोग ले जाते हैं, पर उसके बाद उनका सुराग नहीं मिल पाता। सोशल मीडिया पर फेमस बनाने के नाम पर भी उनके परिजनों को झांसा दिया जाता है। अकेले गोपालगंज में 2024 में अलग-अलग थानों में इस तरह के 60 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। इनमेंं कुछ बच्चियों को देश के अलग-अलग शहरों से बरामद भी किया गया, पर ज्यादातर ट्रेसलेस हैं। ग्राउंड रियलिटी चौंकाने वाली है। खरीददार तो गैर हैं, पर बच्चियों को बेचनेवाले अपने ही हैं। हालांकि वे इस झांसे में आसानी से आ जाते हैं कि उनकी बेटी का जीवन ऐसे लोगों के हाथों में जाने के बाद बेहतर हो जाएगा। इस तरह के ज्यादातर मामलों में यह होता है कि परिजन अपनी बेटियों से फिर कभी भी नहीं मिल पाते हैं।
ऐसे फांसते हैं गिरोह के लोग
परिजनों को बहला-फुसलाकर बच्चियों को खरीदने वाले गिरोह के सदस्य इलाके में लोगों से मिलते-जुलते हैं और बेटियों को सोशल मीडिया पर रील बनाकर फेमस करने की बात करते हैं। झांसे में आने के बाद उन्हें कुछ रुपए देते हैं और बच्ची को पटना या लखनऊ, कानपुर भेजने की बात करते हैं। बड़े शहरों में गिरोह का दूसरा सदस्य उन्हें ले जाकर किसी अनजान व्यक्ति के हाथों बेच देता है।
अकेले गोपालगंज जिले से 2024 में गायब हुईं 60 से ज्यादा बच्चियां
गोपालगंज-सीवान में गरीब परिवारों की बेटियों को शादी के झांसे में ले बेच रहे
यूपी से सटे इलाकों में ऐसे गिरोह सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। उनके टारगेट ऐसे गांव के लोग होते हैं, जहां शिक्षा की कमी है। लोग अभाव में जीते हों और जिन्हें बाहरी दुनिया की ज्यादा समझ नहीं है। ऐसे इलाकों में बेटियों के सौदे के पीछे एक बड़ी वजह यह सामने आई कि ऐसे इलाकों में बेटों से ज्यादा संख्या बेटियों की है। अर्थात जेंडर अनुपात में बेटियां ज्यादा हैं।
भोरे से ले जाई गई 16 साल की नीतू का 15 साल बाद भी सुराग नहीं मिल पाया। कल्याणपुर टोला लक्ष्मीपुर के शख्स ने 2010 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। गांव की ही दो महिलाओं व एक पुरुष पर आरोप लगा था।
मांझा थाना क्षेत्र के एक गांव से 2024 में 22 अगस्त की रात एक साथ पांच लड़कियां गायब हो गई थीं। पांचों को पटना जंक्शन से बरामद किया गया। शातरि ने उन्हें रील बनाकर फेमस करने की बात कही थी।
18 फरवरी, 2025 को विजयीपुर के एक गांव से तीन बच्चियां गायब हो गईं। पुलिस ने सभी को देवरिया के रामकोला से बरामद किया। पूछताछ के दौरान पता चला कि उनके परिजनों ने उन्हें शादी के लिए बेचा था।
कुछ मिसिंग के मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस कार्रवाई कर रही है। अबतक की जांच में किसी गैंग की बात सामने नहीं आई है। माता-पिता भी किसी अनजान के भरोसे बच्चों को नहीं छोड़ें। -अवधेश दीक्षित, एसपी, गोपालगंज