दर्द से तड़प रही प्रसूता को दो बार अस्पताल से लौटाया, ठेले पर दिया बच्चे को जन्म
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा दो बार भर्ती करने से मना करने पर एक महिला ने ठेले पर बच्चे को जन्म दिया. बच्चे की मौत हो गई. परिवार के अनुसार, अस्पताल के कर्मचारियों ने जोर देकर कहा कि "अभी समय नहीं हुआ है" जबकि महिला स्पष्ट रूप से प्रसव पीड़ा में थी. यह घटना इंदौर से 160 किलोमीटर दूर सैलाना में 24 मार्च की सुबह हुई, लेकिन शुक्रवार को ही यह सामने आई जब महिला को ठेले पर ले जाते हुए सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर शेयर की गई. प्रशासन ने सैलाना ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉ. पी. सी. कोली और नर्स चेतना चारेल और गायत्री पाटीदार को शोकॉज किया है.
सूत्रों के अनुसार, सैलाना निवासी कृष्ण ग्वाला अपनी पत्नी नीतू को 23 मार्च की सुबह करीब 9 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे. ड्यूटी पर मौजूद नर्स चेतना ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि प्रसव में अभी दो-तीन दिन बाकी हैं और उन्हें घर भेज दिया. रात करीब 1 बजे नीतू को तेज दर्द हुआ और उनके पति उन्हें वापस अस्पताल ले गए. इस बार नर्स गायत्री ड्यूटी पर थीं. जांच के बाद उन्होंने कथित तौर पर कहा कि प्रसव में अभी "15 घंटे बाकी हैं" और उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया. वे फिर घर लौट आए.
करीब दो घंटे बाद नीतू को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. उस समय कोई वाहन उपलब्ध नहीं था. हताशा में उनके पति ने उन्हें ठेले पर बिठाया और अस्पताल की ओर दौड़ पड़े. यात्रा के दौरान ठेले पर ही बच्चे का जन्म हो गया. जब वे अस्पताल पहुंचे, तब तक बच्चे के पैर बाहर निकल चुके थे और सिर अंदर था. ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने बच्चे का जन्म कराया, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ. पीड़िता ने गुरुवार को एसडीएम मनीष जैन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई. अगली सुबह सीसीटीवी वीडियो सामने आया. कलेक्टर राजेश बाथम ने जांच के आदेश दिए हैं.