बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर दो एपिक नंबर रखने का आरोप तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा..

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के नाम पर दो EPIC नंबर होने की बात सामने आ रही है। राजद और कांग्रेस ने ऐसा दावा किया है और पूछा कि आखिर विजय सिन्हा ने क्यों दो जगह से अपना SIR फॉर्म भरा?

बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर दो एपिक नंबर रखने का आरोप तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा..

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) में नए नए खुलासे हो रहे हैं. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर दो मतदाता पहचान पत्र (EPIC) रखने का आरोप लगा है. इसको लेकर चुनाव आयोग ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं, अब बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा भी ऐसे मामले में फंसते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर दोहरे मतदाता होने का सनसनीखेज आरोप लगाया. दावा है कि सिन्हा लखीसराय और बांकीपुर में पंजीकृत हैं और दोनों जगह SIR फॉर्म भरा, कांग्रेस ने इसे भाजपा-चुनाव आयोग की साजिश बताते हुए FIR और इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस का दावा है कि सिन्हा लखीसराय और पटना के बांकीपुर में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. कांग्रेस का कहना है कि सिन्हा ने दोनों जगह SIR फॉर्म भरा और उनका नाम दोनों जगह मतदाता सूची के ड्राफ्ट में शामिल है. दरअसल, चुनावी नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति का नाम केवल एक मतदाता सूची में हो सकता है. दो जगह मतदाता होना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 का उल्लंघन है. कांग्रेस ने सवाल उठाया कि सिन्हा का नाम दो जगह कैसे दर्ज हुआ? क्या उन्होंने दोनों जगह मतदान किया? चुनाव आयोग की ओर से ऐसी चूक कैसे हुई? बता दें कि सिन्हा पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर नियमों की अनदेखी की और आयोग ने इसे नजरअंदाज किया.

तेजस्वी यादव का आरोप- एसआईआर बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है


उन्होंने कहा कि एसआईआर बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है। हमलोगों ने कई बार यह बात कही। सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला है। अब इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का दो विधानसभा क्षेत्र के वोटर लिस्ट में नाम है। उनके नाम दो EPIC नंबर दर्ज है। तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची प्रारूप की फाइल ही बदल दी है। पूरा फॉर्मेट ही बदल दी है यह फाइल काफी हैवी हो गई है। पहले मतदाता सेवा पोर्टल से टैक्स्ट बेस्ट पीडीएफ डाउनलोड होता था। अब इमेज बेस्ड पीडीएफ डाउनलोड हो रहा है। इस नए फाइल कुछ भी सर्च करना काफी मुश्किल है। इतना ही नहीं जो फाइल डाउनलोड हो रही है? उनकी साइज बड़ी हो गई है।