30 मिनट में 1.26 करोड़ की डकैती हुई थी

डेस्कः
पटना के अगमकुआं इलाके में हार्डवेयर कारोबारी के घर से सवा करोड़ की ज्वेलरी और 1.25 लाख कैश की डकैती हुई है। परिजनों को बंधक बनाकर करीब 30 मिनट तक 5 हथियारबंद लुटेरे तांडव मचाते रहे। परिवार ने विरोध करने की कोशिश की तो गोली मारने की धमकी दी। बदमाश गोदरेज में रखे कीमती जेवरात और कैश लेकर फरार हो गए। इसके अलावा किसी सामान को छूआ तक नहीं। वारदात शनिवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे हुई। अपराधियों ने कैप पहना था। सभी को घर के बारे में एक-एक चीज की जानकारी थी। स्थानीय भाषा मगही में बातचीत कर रहे थे। पीड़ित की पत्नी ने पूछा कि कहां के रहने वाले हो, इस पर कहा कि 'हम लंदन के का हिए'।
पीड़ित कारोबारी ने भास्कर से बातचीत में लूट के दौरान क्या हुआ, आंखों देखी बताया।
मेरे पास तीन दुकानें है, जिसमें 30 स्टाफ है। सैलरी देने के लिए बैंक से रुपए निकाल कर रखा था। सुबह करीब 10:30 बजे मैं ब्रश कर रहा था। बेटा कमरे में सो रहा था। पत्नी किचेन में खाना बना रही थी। इस दौरान एक आदमी घर में आया। मुझे प्रणाम चाचा कहा। उसके पीछे 4 और लोग आ गए। सबके हाथ में झोला था। झोला से पिस्तौल निकाला। परिवार के सदस्यों को गन पॉइंट पर ले लिया। सभी को एक कमरे में लाकर बंद कर दिया। सभी मगही में बोल रहे थे।
इसी बीच मेरा गार्ड अंकुश चाभी लेने आया। काफी देर तक उसने गेट के बाहर से ही आवाज लगाया। इसके बाद उसने मुझे कॉल किया। इतने में अपराधी ने उसे अंदर खींच लिया। उसके हाथ से मोबाइल ले लिया। उसे भी हमलोगों के साथ ही कमरे में बंद कर दिया। बार-बार मारने की धमकी दे रहे थे।
मेरा बेटा सो रहा था। उसे खींचकर बाहर निकाला। जिस पर मैं भड़क गया। मुझझे बर्दाश्त नहीं हुआ, मैंने धक्का दे दिया। एक बदमाश का मेरे प्रति सॉफ्ट था। दूसरे कमरे में अलमारी था। जिसे तोड़ने का प्रयास करने लगे। लेकिन लॉक मजबूत था वो नहीं टूटा। रूम से मेरी वाइफ को लेकर गए। उससे चाभी लिया। फिर से वाइफ को हमारे साथ ही कमरे में बंद कर दिया। 2 के पास देसी पिस्टल और एक पास रिवॉल्वर था। जिसने मुझे कवर किया था, उसके हाथ में 2 पिस्टल था। उनलोगों की एक्टिविटी देखकर ऐसा लग रहा था कि हमारे घर के जानकार थे। एक-एक चीज की जानकारी थी।
सबने नॉर्मल कपड़ा पहना था
संतोष प्रकाश ने आगे कहा कि एक ने मास्क लगाया था। 4 का चेहरा ओपन था। सभी लोगों के सिर पर कैप था। एक लंबा आदमी था। गले में व्हाइट गमछा था। एक पिंक शर्ट और दूसरा व्हाइट शर्ट पहना था। स्थानीय भाषा मगही बोल रहे थे। मेरी वाइफ ने जब पूछा कि तुम्हारा घर कहां है तो एक बदमाश ने कहा कि 'हम लंदन के का हिए'। सब ने नॉर्मल कपड़ा पहना था। बदमाशों के पास जो हथियार था, एक को छोड़कर सभी में जंग लगा था।
लूटपाट के बाद बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। कुछ देर बाद मैंने खिड़की खोलकर पड़ोसी को आवाज दी। आवाज सुनने के बाद कुछ लोग आए और दरवाजा खोला। इसके बाद पड़ोसी के मोबाइल से ही मैंने डायल-112 को कॉल किया। पुलिस के आने के 2 घंटे बाद FSL की टीम आई। फिंगर प्रिंट्स कलेक्ट किया। डॉग स्क्वायड की भी टीम भी आई थी। खोजी कुत्ता सीधे बाईपास की ओर सूंघते-सूंघते बढ़ा। मोहल्ले में पहले इस तरीके की घटना कभी हुई नहीं थी
ड्राइवर से हुई थी कहासुनी
संतोष प्रकाश ने किसी पर शंका नहीं जाहिर की। उनसे जब किसी से विवाद होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बख्तियारपुर के रहने वाले एक चंदन नाम के शख्स को ड्राइवर के तौर पर रखा था। लगभग 1 वर्ष तक काम पर रहा। वो घर के अंदर आता जाता रहता था। गाड़ी से तेल वगैरह चुराकर बेच देता था, जिसके चलते लगभग 8 महीने पहले उसे काम से हटाया हूं। हटाने के वक्त उससे कहासुनी काफी हुई थी।
भाई से प्रॉपर्टी का विवाद
पीड़ित कारोबारी के दोस्त ने बताया कि जिस मकान में डकैती हुई है। उसमें दो भाई रहते हैं। अंदरुनी तौर पर आपस में प्रॉपर्टी का विवाद भी चल रहा है। जिस जमीन पर मकान है वो बड़े भाई के नाम पर है। खाली करने के लिए भी कहासुनी होते रहती है। हालांकि इसमें इनकी कोई भूमिका नहीं है। वो काफी सभ्य हैं।
ग्राउंड फ्लोर में घुसे अपराधी
मकान में एंट्री लेने के साथ सीढ़ी है। सीढ़ी बड़े भाई के फर्स्ट फ्लोर पर जाती है। लेकिन अपराधियों ने सीधी एंट्री संतोष प्रकाश के फ्लोर में ली और घटना को अंजाम दिया। बड़े भाई के परिवार को इसकी भनक तक नहीं लगी। पड़ोसी मदद में दरवाजा खोलने आए।
सामान मिलने के बाद पुलिस पर होगा भरोसा
जांच पर सवाल उठाते हुए पीड़ित ने कहा कि जब तक रिजल्ट नहीं मिल जाता तब तक ये कहना मुश्किल है कि पुलिस किस दिशा में काम कर रही है। पीड़ित को तो रिजल्ट से मतलब है। अभी तक मुझे ऐसा कुछ दिखा नहीं हैा पुलिस के पास सब कुछ है। वो चाहे तो बहुत कर सकती है। लेकिन ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है। पुलिस अगर सीरियस होती तो अभी तक जानकारी इकट्ठा कर लेती।