पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में CM हेमंत सोरेन ने केंद्र से की कई अहम मांगें

रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोल कंपनियों पर 1.40 लाख करोड़ की बकाया राशि की तत्काल वसूली, DMFT नीति में सुधार, बंद खदानों की सुरक्षित बंदीकरण और मेट्रो परियोजना जैसी कई अहम मांगें रखीं.

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में CM हेमंत सोरेन ने केंद्र से की कई अहम मांगें
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गृह मंत्री अमित शाह

Ranchi:राजधानी रांची के रेडिशन ब्लू होटल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की बैठक आयोजित हुई. इस अहम बैठक में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. झारखंड की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई अहम विषयों पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया और राज्य की लंबित जरूरतों को प्राथमिकता देने की मांग रखी.

कोल कंपनियों पर 1.40 लाख करोड़ बकाया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की जमीन से केंद्र को संसाधन मिलते हैं, लेकिन राज्य को उसका वाजिब हक नहीं मिल रहा. उन्होंने बताया कि कोल इंडिया की इकाइयों सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल पर झारखंड का 1,40,433 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें लैंड मुआवज़ा मद में 1.01 लाख करोड़, कॉमन कॉज मद में 34,213 करोड़ और रॉयल्टी में 6,219 करोड़ शामिल हैं. उन्होंने इस बकाया की तत्काल वसूली की मांग की.

CBA एक्ट पर आपत्ति
मुख्यमंत्री ने CBA (कोल बेयरिंग एरिया) एक्ट में संशोधन कर खनन के बाद की भूमि को अन्य कंपनियों को सौंपने के प्रस्ताव पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार भूमि पर अधिकार राज्य सरकार का है, और कोल कंपनियों को खनन के बाद की ज़मीन राज्य सरकार को वापस करनी चाहिए.

बंद खदानों के माइंस क्लोजर की उठाई मांग
हेमंत सोरेन ने खदानों के बंद होने के बाद उचित ढंग से खदान बंद (Mines Closure) न होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इससे न केवल जान-माल का नुकसान हो रहा है, बल्कि अवैध खनन भी बढ़ रहा है. उन्होंने केंद्र से कहा कि खदानें बंद होने पर उसे पूरी तरह सुरक्षित तरीके से बंद किया जाए.