भारत और पाकिस्तान के पास किस तरह के और कितने ड्रोन हैं?

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान दोनों तरफ़ से एक दूसरे के ख़िलाफ़ हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल देखने को मिला है.

भारत और पाकिस्तान के पास किस तरह के और कितने ड्रोन हैं?

भारतीय सेना की प्रवक्ता कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी ने कहा, ''पाकिस्तान ने तकरीबन 300-400 ड्रोन फ़ायर किए हैं."

भारतीय सेना ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात में भारत में कई जगहों पर ड्रोन से हमला किया है.

इस तरह का दावा पाकिस्तान ने भी किया है. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के 25 ड्रोन गिरा दिए हैं, जिस पर भारत की तरफ़ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

ड्रोन एक तरह से उड़ने वाला रोबोट है, जिसे सॉफ्टवेयर सिस्टम से नियंत्रित किया जा सकता है. ड्रोन के सॉफ्टवेयर में उड़ान योजना, उड़ान के रास्ते आदि को पहले से प्रोग्राम करके दूर से नियंत्रित किया जा सकता है.

ये स्वायत्त रूप से उड़ाए जा सकते हैं. ड्रोन ऑनबोर्ड सेंसर और ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के साथ मिलकर काम करते हैं.

इंपीरियल वॉर म्यूज़ियम की वेबसाइट के मुताबिक़, पहले ये रिमोटली पाइलेटेड व्हिकल (आरपीवी ) कहलाता था. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका और इंग्लैंड ने बनाया था. जिसका 1917-1918 में परीक्षण किया गया था. ये पहले रेडियो से कंट्रोल किए जाते थे.

भारत के पास ड्रोन


भारत के पास कई प्रकार के ड्रोन हैं. बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इसराइल से कई ड्रोन के सौदे हुए हैं.

हपाकिस्तान के एक के मुकाबले में भारत के पास तीन ड्रोन हैं, जिससे भारत की फायर पावर ज़्यादा है. इस तरह की लड़ाई में भारत के पास पाकिस्तान से ज़्यादा क्षमता है. इनमें हैरोप, हिरोन मार्क-2 और स्काई-स्ट्राइकर जैसे ड्रोन शामिल हैं.'

भारत के पास स्काई-स्ट्राइकर ड्रोन है. इन्हें भारत और इसराइल के साझा उपक्रम के तहत बेंगलुरू में निर्मित किया गया है.

भारत ने तकरीबन 100 स्काई-स्ट्राइकर ड्रोन 2021 में लिया था, जिनकी रेंज तकरीबन 100 किलोमीटर की है. ये ड्रोन 10 किलो तक वॉरहेड ले जा सकते हैं.

इनमें आवाज़ कम होती है. लिहाज़ा ये कम ऊंचाई पर भी कारगर माने जाते हैं.

इसको बनाने वाली कंपनी का दावा है, ''ये शांत, ना दिखाई देने वाले और अचानक हमला करने वाले हैं.''

वहीं हैरोप ड्रोन का रेंज बहुत ज़्यादा है. इसराइल निर्मित इस ड्रोन की ख़ासियत है कि ये 1000 किलोमीटर तक जा सकता है और हवा में तकरीबन 9 घंटे तक उड़ान भर सकता है.

पाकिस्तान की तरफ से दावा किया गया है कि भारत ने उसके ख़िलाफ़ हैरोप का इस्तेमाल किया है.

हालांकि इसके अलावा भारत के पास 3000 किलोमीटर तक की रेंज का हैरोन मार्क-2 भी है. ये 2023 में खरीदा गया था, जो 24 घंटे तक हवा में रहने की क्षमता रखता है.

इनके भीतर रडार आईआर कैमरा फिट है. ये ड्रोन लेज़र मार्किंग के ज़रिए निशाने का सटीक पता भी देते हैं. ये ज़मीन से डेटालिंक के ज़रिए कंट्रोल किए जा सकते हैं.

पाकिस्तान के पास भी ड्रोन

भारत ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ने तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया है. पाकिस्तान के पास स्वार्म ड्रोन है

हालांकि पाकिस्तान के पास शाहपार-2 ड्रोन भी हैं, जिनकी क्षमता 23000 फ़ीट तक उड़ान भरने की है.

वहीं नवंबर 2024 में शाहपार-3 का परीक्षण पाकिस्तान ने किया था. ये ड्रोन तकरीबन 35000 फिट की उंचाई तक जा सकता है.

पाकिस्तान में दावा किया जा रहा है कि ये तकरबीन 500 किलो तक का पे लोड ले जा सकता है.

इसके अलावा पाकिस्तान के पास तुर्की का बना अकिन्सी ड्रोन भी है. ये हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर वार कर सकता है. यह आधुनिक तकनीक और रडार से लैस है.