Murder: 6 साल पहले बेटे की हत्या, अब बिजनेसमैन पिता का मर्डर, कौन थे गोपाल खेमका?
दिसंबर 2018 में दिनदहाड़े जवान बेटे गुंजन खेमका की हत्या के बाद वर्षों गोपाल खेमका कटे-कटे रहे। पहले भाजपा में सक्रिय थे। बेटे की हत्या के बाद दूर हो गए थे। अब अपराधियों ने घर के सामने गोपाल खेमका की भी जान ले ली।

Bihar News:बिहार पुलिस अब लंबे समय तक यह दावा नहीं कर सकेगी कि राजधानी पटना भी सुरक्षित है। किसी-न-किसी नाम पर लगातार पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक बदले जा रहे हैं, लेकिन अपराधियों के मन में किसी का खौफ नहीं है। दिसंबर 2018 में हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में अपनी फैक्टरी जाते समय नामी युवा उद्यमी गुंजन खेमका की अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी थी। अब राजधानी पटना में उनके पिता और नामी उद्योगपति गोपाल खेमका की गांधी मैदान के पास स्थित अपार्टमेंट के गेट पर हत्या कर अपराधी निकल गए। बेटे की हत्या से पहले गोपाल खेमका भारतीय जनता पार्टी से गहरा लगाव रखते थे, सक्रिय थे। फिर सरकार पर से विश्वास हटा और अब तो अपराधियों ने उन्हें ही मार डाला।
बेटे को दूसरी बार में मार डाला था, गोपाल पहले हमले में नहीं बचे
बिहार के प्रसिद्ध उद्योगपति और एक जमाने में पटना के टॉप अस्पताल रहे मगध हॉस्पिटल के मालिक गोपाल खेमका पर ऐसा जानलेवा हमला पहली बार हुआ और उनकी जान नहीं बची। बेटे की मौत के बाद वह इस तरह टूटे थे कि अपने हॉस्पिटल को भी बेच दिया था। उद्योगपति परिवार के बेटे गुंजन खेमका की हत्या हाजीपुर के सबसे चर्चित पासवान चौक के पास हुई थी। दिसंबर 2018 में ठंड की दोपहर हाजीपुर स्थित कार्टन फैक्टरी जाते समय करीब एक बजे अपराधियों ने उनकी कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसके पहले भी 2016 में गुंजन पर जानलेवा हमला हुआ था, लेकिन तब वह बच गए थे। लेकिन, दिसंबर 2018 में उन्हें कई गोलियां लगीं और डॉक्टर बचा नहीं सके। ड्राइवर भी जख्मी हुआ था।