भोजपुरः ऑटोमैटिक हथियारों का शौकीन है कुख्यात बूटन चौधरी, 9 साल में दूसरी बार घर से मिली AK-47

डेस्कः
मार्च 2016, भोजपुर में एक शादी समारोह में दबंगई दिखाने के लिए धोती-कुर्ता पहने एक शख्स अपने गुर्गों के साथ पहुंचता है। उस शख्स के पास प्रतिबंधित AK 47 होती है। इसकी सूचना जब पुलिस को मिलती है, तो अगले ही दिन पुलिस उस शख्स के घर छापेमारी के लिए पहुंच जाती है। पुलिस घर से AK-47 समेत 3 देसी कट्टा, AK-47 के तीन जिंदा कारतूस और दूसरी बंदूक की 31 गोलियां बरामद करती है। फिर उस शख्स को गिरफ्तार करके पुलिस अपने साथ ले जाती है। उस शख्स की पहचान बूटन चौधरी के रूप में होती है। अप्रैल 2025, इस घटना के बाद 9 साल बाद फिर पुलिस और STF को सूचना मिलती है कि बूटन चौधरी के घर में एक और AK 47 है। जानकारी मिलने के बाद STF की टीम रविवार रात को भोजपुर पुलिस के साथ बूटन चौधरी के घर पहुंचती है और वहां से AK-47 बरामद करती है।
9 साल में ये दूसरा मौका था, जब बूटन के घर से AK-47 बरामद की गई। हालांकि, इस दौरान बूटन तो घर पर नहीं मिला है, लेकिन पुलिस उसके भाई उपेंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। फिलहाल, उपेंद्र चौधरी से AK-47 के बारे में पूछताछ की जा रही है। साथ ही बूटन चौधरी की तलाश की जा रही है। इधर, उपेंद्र चौधरी की पत्नी उर्मिला देवी का कहना है कि बूटन से अब उसका कोई रिश्ता नहीं है। उर्मिला देवी के मुताबिक, उसके देवर बूटन ने पहले उनके बेटे की हत्या करवाई और अब पति उपेंद्र को फंसाने की कोशिश कर रहा है।
2 लाख का इनामी है बूटन चौधरी
बूटन चौधरी के आपराधिक इतिहास को देखते हुए पुलिस ने उसके ऊपर 2 लाख रुपए का इनाम रखा है। कहा जाता है कि वो हथियारों का शौकीन है। इसका अंदाजा भी इसी से लगाया जा सकता है कि रविवार रात को जब STF और भोजपुर पुलिस की टीम ने उसके घर पर छापेमारी करने पहुंची तो घर से दो हैंड ग्रेनेड के साथ AK 47 के 43 गोलियां और 4 मैगजीन बरामद किया। साल 2016 में जब बूटन के घर से एके 47 बरामद किया गया था, तब कई सफेदपोश लोगों के साथ उसके रिश्ते की बात सामने आई थी। हालांकि, वो सफेदपोश कौन थे, इसकी जानकारी आजतक नहीं मिल पाई है। AK-47 रखने के मामले में 9 साल पहले के मामले में बूटन चौधरी और बड़े भाई उपेंद्र चौधरी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने बूटन को 7 साल, बड़े भाई उपेंद्र चौधरी समेत अन्य चार अपराधियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी।
करीबी रंजीत से 2012 में बूटन की शुरू हुई अदावत
एक ही गांव के रहने वाले बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी के बीच डेढ़ दशक तक काफी करीबी थी। रंजीत चौधरी, बूटन के लिए ही काम करता था। दोनों के नाम पर इलाके में कई वारदातों को अंजाम दिया जाता था, लेकिन जमीन के एक विवाद में दोनों एक दूसरे के कट्टर दुश्मन बन गए। दरअसल, बूटन चौधरी अपने शागिर्द रंजीत चौधरी के पिता रामाधार की जमीन चाहता था। इसे लेकर दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ गई। साल 2012 में बूटन और रंजीत के पिता रामाधार के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी। इसके बाद से रंजीत चौधरी अपने साथी बूटन के खिलाफ हो गया
2014 में बूटन चौधरी पर हुआ हमला
नवंबर 2014 में बूटन चौधरी पर गोलियों से हमला हुआ, लेकिन बूटन बाल-बाल बच गया। इसके बाद फिर हत्या का खेल शुरू हुआ। दिसंबर 2014 में बेलाउर पंचायत की मुखिया चंपा देवी की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में रंजीत चौधरी समेत अन्य को लोगों को आरोपित बनाया गया था। चंपा देवी बूटन चौधरी के नौकर की पत्नी थी, जिसने पंचायत चुनाव में जीत हासिल की थी। बूटन ने इसे रंजित की साजिश माना। मई 2016 में रंजीत चौधरी के बड़े भाई हेमंत चौधरी को पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान गोलियों से भून दिया गया। इस चुनाव में बूटन चौधरी के बड़े भाई उपेंद्र चौधरी की पत्नी उर्मिला देवी ने जीत दर्ज की। हेमंत की हत्या के पीछे में बूटन का नाम सामने आया था।
हेमंत की हत्या के दो महीने बाद बेटे की भी हत्या
मई में जिस हेमंत चौधरी की हत्या की गई थी, दो महीने बाद ही यानी जुलाई 2016 में हेमंत के बड़े बेटे मनीष की भी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। लगातार दो हत्या के बाद रंजित चौधरी ने बदला लेने की ठानी। बूटन के करीबी गड़हनी के पोसवां पंचायत के वार्ड पार्षद रजनी देवी के पति परमात्मा रवानी की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, परमात्मा रवानी आरा से गांव जा रहे थे, इसी दौरान बेलाउर बंगला के समीप बस से बाहर उतारकर उन्हें गोली मार दी गई थी। मार्च 2021 को बूटन चौधरी के भतीजे उपेंद्र चौधरी के बेटे दीपू चौधरी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। दीपू भागलपुर जेल से पेशी के लिए लाए गए बूटन चौधरी से मिलने के लिए आरा कोर्ट आया हुआ था। कोर्ट से गांव जा रहे थे, इसी दौरान सर्किट हाउस के समीप अपराधियों ने दौड़ाकर गोलियों से भून दिया।
अब सवाल ये कि AK-47 कहां से आया?
बूटन के घर से बरामद AK 47 कहां से आया, जब इस संबंध में एसपी राज से बात की गई। उन्होंने बताया, 'हम और कई अन्य जांच एजेंसियां इसकी जानकारी जुटा रहे हैं। फिलहाल, इस बारे में कुछ भी नहीं बता सकते।' 'हालांकि, 2016 में भी जब बूटन के घर से AK 47 बरामद किया गया था, वो कहां से, कब और किसलिए लाया गया था, ये अब तक सामने नहीं आ पाया है।' इस मामले में जब उपेंद्र चौधरी की पत्नी और बेलाउर पंचायत की मुखिया उर्मिला देवी से सवाल किया। उन्होंने कहा, 'मेरे पति को साजिश के तहत दुश्मनों ने फंसाया है। उनका इशारा रंजित चौधरी गैंग की ओर था, जिनसे उनके परिवार की लगातार अदावत चल रही है।
उर्मिला देवी ने बताया, '2016 में जेल जाने के बाद मेरे पति इस सब मामले से काफी दूर थे। अपने परिवार के लिए काम और पंचायत के विकास में लगे हुए थे। पुरानी अदावत में दुश्मनों की ओर से रात के अंधेरों में फंसाने के लिए घर में AK 47 और बम को रखा गया। उसके बाद पुलिस को तुरंत सूचना देकर उन्हें पकड़वा दिया गया।' उन्होंने कहा, 'इस मामले में मेरे पति को भी कुछ पता नहीं है, बरामदगी के बाद वे कुछ बोलते, टीम से बात करते, इससे पहले पुलिस उन्हें उठाकर ले गई।'
उर्मिला बोली- बेटे की हत्या के बाद हमारा बूटन से कोई रिश्ता नहीं
उर्मिला ने ये भी कहा
मेरे बेटे दीपू को भी साजिश के तहत मार दिया गया। बूटन चौधरी से हमारा कोई रिश्ता नहीं है। उन्हें इस घर पर आए हुए करीब चार साल हो गए हैं। पुलिस को गलत सूचना मिली थी कि बूटन चौधरी घर पर है। यह दुश्मनों की चाल है। सिर्फ मेरे पति को फसाने के लिए षड्यंत्र रचा गया। हम जिला पुलिस से हाथ जोड़कर निवेदन करते है कि मेरा पति बेकसूर है, उन्हें जल्द रिहा किया जाए।
BDC हत्याकांड के बाद बूटन पर दो लाख इनाम हुआ था घोषित
28 अप्रैल 2023 में बेलाउर गांव के रहने वाले दीपक कुमार साह की चुनावी रंजिश में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में बूटन चौधरी, उसके बड़े भाई उपेंद्र चौधरी समेत अन्य लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था।
तब से लेकर आजतक बूटन फरार चल रहा है। इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने दो लाख का इनाम घोषित किया है, जबकि उसके बड़े उपेंद्र चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
तीन महीने पहले ही उपेंद्र चौधरी जेल से बेल पर बाहर आया था। बूटन चौधरी के साथ उपेंद्र चौधरी का भी आपराधिक इतिहास रहा है। पूर्व के आर्म्स एक्ट के एक मामले में सजा भी सुनाई गई है। हत्या एवं आर्म्स समेत आधा दर्जन गंभीर कांड दर्ज हैं।
अक्टूबर 2023 में चांदी थाना क्षेत्र के खनगांव गांव बालू घाट पर जिंदल कंपनी के घाट के लिए रास्ता बनाने के विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी। इसमें एक हर्षित सिंह नाम के एक युवक की मौत हो गई थी। 3 घायल हुए थे।
गोलीबारी की घटना में बूटन चौधरी, रंजीत चौधरी के अलावा दीपक पांडेय समेत दोनों पक्षों के डेढ़ दर्जन लोगों को नामजद आरोपित किया गया था।
भोजपुर पुलिस और STF के ज्वाइंट ऑपरेशन में AK 47 बरामद
उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव में सोमवार को भोजपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम ने जॉइंट ऑपरेशन में बूटन चौधरी के घर से AK 47 और दो हैंड ग्रेनेड बरामद किया गया। घर से बूटन के बड़े भाई सह मुखिया पति उपेंद्र चौधरी को टीम ने गिरफ्तार किया है।
टीम ने इसके अलावे AK 47 के 43 लोड दो मैगजीन, इंसास राइफल के दो मैगजीन के साथ कुछ नगद रुपए भी जब्त किए हैं। इसे लेकर बूटन चौधरी और उपेंद्र चौधरी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
एसपी ने बताया, 'गिरफ्तार किए गए उपेंद्र चौधरी से पूछताछ में उसके घर से बरामद AK 47, हैंड ग्रेनेड, इंसास राइफल, जिंदा कारतूस के बारे में जानकारी ली जा रही है।'
नंबर के आधार पर अन्य एजेंसियों के माध्यम से AK 47 की जांच की जा रही है। साथ ही बूटन चौधरी के गैंग और सभी कनेक्शन को भी खंगाला जा रहा है।'